1950 से अब तक भारत में जीवन प्रत्याशा 37 वर्ष से बढ़कर 69 वर्ष हो गई है। फिर भी हम इस मामले में दक्षिण एशियाई देशों में सबसे पिछड़े हैं। वहीं बड़े एशियाई देशों में भी हमारी जीवन प्रत्याशा औसतन कम ही है। इसलिए, 37 से 69 वर्ष तक की यात्रा के बाद भी हमारे लिए सुधारों के सफर का रास्ता खुला है।